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राज्य मे 18000 प्राथमिक शिक्षकोंकी जगह खाली

पिछले कई दिनोसे सोशिअल मिडिया पर तिरिक्त शिक्षकोंके बारेमे एक पत्र घूम रहा है. जिसमे प्राथमिक शिक्षण संचालनालय द्वारा जिला परिषद अतिरिक्त शिक्षकोंके संदर्भ में जानकारी दी गई है. प्राप्त सोशिअल मिडिया पत्र के अनुसार महाराष्ट्र राज्य में जिला परिषद अतिरिक्त शिक्षकोंकी कुल संख्या 14092 दी गई है. जिसमे कुछ प्रमुख शाहरोंकी अतिरिक्त शिक्षकोंकी कुल संख्या निम्न प्रकार से दीगई है.
अमरावती जिले में अतिरिक्त शिक्षकोंकी कुल संख्या 1219 दिखाई गई है.
नागपुर जिले में अतिरिक्त शिक्षकोंकी कुल संख्या 1041 दिखाई गई है.
रायगड जिले में अतिरिक्त शिक्षकोंकी कुल संख्या 1088 दिखाई गई है.
यवतमाल जिले में अतिरिक्त शिक्षकोंकी कुल संख्या 1167 दिखाई गई है.
अकोला जिले में अतिरिक्त शिक्षकोंकी कुल संख्या 770 दिखाई गई है.
चंद्रपुर जिले में अतिरिक्तशिक्षकोंकी कुल संख्या 860 दिखाई गई है.
गड्चिलोरी जिले में अतिरिक्त शिक्षकोंकी कुल संख्या 672 दिखाई गई है.
नंदुरबार जिले में अतिरिक्तशिक्षकोंकी कुल संख्या 771 दिखाई गई है.
रत्नागिरी जिले में अतिरिक्त शिक्षकोंकी कुल संख्या 607 दिखाई गई है.

वाशिम जिले में अतिरिक्त शिक्षकोंकी कुल संख्या 308 दिखाई गई है.
गोंदिया जिले में अतिरिक्त शिक्षकोंकी कुल संख्या 635 दिखाई गई है.

इसी प्रकार से राज्य के सभी जिला परिषद अतिरिक्त शिक्षकोंकी कुल संख्या 14092 दिखाई गई है. इससे राज्य के शिक्षा क्षेत्र में असमंजस की स्थिति निर्माण हो गई है. अब सवाल यह उठ रहा है की, अगर राज्य में पहिलेसे ही अतिरिक्त शिक्षकोंकी संख्या 14000 से ज्यादा है तो सरकार ने आगामी शिक्षक भर्ती के लिए अभियोग्यता परीक्षा क्यू ली? इस बारेमे राज्य के प्राथमिक शिक्षा विभाग के उपसंचालक शरद गोसावी का महत्वपूर्ण बयान सामने आया है. जिसमे उन्होंने कहा है की राज्य में अतिरिक्त शिक्षकोंकी संख्या 14000 से ज्यादा है यह खबर पूरी तरह से झूटी है. उन्होंने कहा की राज्य में जिला परिषद स्कूलोंकी संचमान्यता अभीतक की गई नहीं है. इसलिए राज्य में अतिरिक्त शिक्षकोंकी कुल संख्या के बारेमे सही जानकारी फिलाल उपलब्ध नहीं है, अगर राज्य में अतिरिक्त शिक्षक होगे तो भी उनकी संख्या काफी कम होगी. मगर फिलाल प्राथमिक शिक्षकोंकी रिक्त जगहोँ की संख्या 18000 के करीब है. प्राथमिक शिक्षा विभाग के उपसंचालक के इस महत्वपूर्ण जानकारी से सोशिअल मिडिया पर प्राथमिक शिक्षकोंकी अतिरिक्त कुल संख्या के बारेमे फैली अफवा झूटी सिद्ध हो गई है. इसलिए शिक्षक मित्रोंसे यह आशा की जाती है की वह ऐसी अफवाओ में ना फसे और राज्य में होने वाली शिक्षक भर्ती प्रति सकारात्मक रहे.

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Mahatait.com

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